ऑनलाइन जैन बाल पाठशाला इंदौर आज के समय की मांग के अनुसार ही डिजिटल पाठशाला का निर्माण है | जिस प्रकार विद्यालयों में बच्चों को विभिन्न गतिविधियों के द्वारा पढ़ाया जाता है उसी प्रकार पाठशाला के बच्चों को भी नवाचार शिक्षण पद्धतियों के द्वारा शिक्षण कराया जाये | शिक्षा को जीवन्त और समयानुकूल बनाने के लिए उसकी विषयवस्तु एवं शिक्षण प्रविधियों में नवीनता लाना आवश्यक है। नवाचार का अर्थ ऐसे परिवर्तन से है जो पूर्व स्थापित विधियों, कार्यक्रमो, एवं परंपराओं का समावेश करता है। शैक्षिक नवाचारों की कोई सीमा नहीं है। मूल्यांकन के क्षेत्र में भी नवाचार हुआ जैसे रटने की पद्धति को ख़त्म करना, सेमेस्टर प्रणाली लागू करना, ग्रेडिंग प्रणाली आदि। शिक्षक डायरी भी नवाचार का ही प्रयोग है जिसमे संकेतक लिखकर छात्रों का अधिगम मूल्याङ्कन किया जाता है। नवाचार के द्वारा दक्षता, उत्पादकता, गुणवता, आदि के सुधार सम्मिलित हैं |
बच्चों और युवाओं में प्रतियोगिता की भावना प्रबल होती है अतः इनको हमारी ऑनलाइन जैन बाल पाठशाला के द्वारा “ज्ञान-विभोर” प्रतियोगिता के द्वारा पढ़ाया जाएगा तथा पुरस्कृत किया जाएगा | जब चाहो तब पढो और जब चाहो तब परीक्षा दो की सरलतम शिक्षण पद्धति पर आधारित यह विश्व की प्रथम ऑनलाइन जैन बाल पाठशाला है | हमारी ऑनलाइन जैन बाल पाठशाला का उद्देश्य यह कदापि नहीं है कि बच्चा ज्यादा से ज्यादा याद करे या रटे हमारा परम उद्देश्य मात्र बच्चों के अन्दर “ उन्हें धर्म अच्छा लगे और मैं जैन हूँ यह इसका उन्हें गर्व हो” इस भावना का विकास करना है | तथा उनके अन्दर जैन धर्म और धार्मिक अध्ययन के प्रति रुची जागृत हो | बच्चे किसी भी पंथवाद के पोषण और शोषण की अपेक्षा स्वाध्याय एवं धार्मिक अध्ययन की तरफ झुकें इसी प्रबल भावना को लेकर पंथवाद के जटिल व्यामोह से अलग हटकर वीतराग तत्वज्ञान और दिगम्बर जैन धर्म का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से ऑनलाइन संस्कृत / प्राकृत / धार्मिक कोचिंग इंदौर द्वारा ऑनलाइन जैन बाल पाठशाला इंदौर प्रारंभ की गई है | यह ऑनलाइन पाठशाला देश के सभी विद्वानों / विदुषियों / श्रेष्ठीवर्ग के सहयोग से संचालित की जायेगी || मुझे आशा है की इस कार्य में आप सभी का मुझे पूर्ण सहयोग त्रिप्रकार (तन, मन और धन ) से प्राप्त होगा |
उद्देश्य –
सामान्य उद्देश्य –
- बालक / बालिकाओं / युवाओं में धर्म के प्रति रुची जागृत करना |
- बालक / बालिकाओं / युवाओं को सोसल मीडिया और इन्टरनेट का सदुपयोग करना सिखाना |
- पंथवाद के व्यामोह से रहित दिगम्बर जैन धर्म का प्रचार-प्रसार करना |
- बालक / बालिकाओं / युवाओं में धर्म , धार्मिक क्रियाओं और धार्मिक अध्ययन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण जागृत करना |
- प्रतियोगिताओं के माध्यम से ऑनलाइन पाठशाला का सञ्चालन करना |
- ज्ञान – विभोर प्रतियोगिता का प्रत्येक छः माह में संचालन करना |
- दिगम्बर जैन पाठशालाओं को सक्रिय करने के लिए राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गतिविधियाँ संचालित करना |
- धार्मिक परीक्षाओं का आयोजन करके आर्थिक स्थिति से कमजोर जैन बालकों को विद्यालयीन पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करना |
- युवाओं के लिए और बढ़ों के लिए भी समय – समय पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित करना |
- बालक वर्ष भर धार्मिक अध्ययन निरंतर कर सके अतः आगामी समय में बाल वर्ष विभिन्न विषयों पर चलाना |
- हिंदी, संस्कृत एवं प्राकृत आदि प्राचीन भाषाओं के शिक्षण में जैन पाठशालाओं के छात्रों की मदद करना |
- साधर्मी से साधर्मी को सहयोग कराकर वात्सल्य और प्रभावना की भावना का विकास करना |
- आगामी समय में एक सुन्दर सी मासिक ऑनलाइन बाल पत्रिका का प्रकाशन करना |
- देश में किन – किन राज्यों में कहाँ -कहाँ जैन पाठशालाएं संचालित हो रहीं हैं उनमें कौन -कौन से अध्यापक शिक्षण कार्य कर रहे हैं उनका परिचय सभी के सम्मुख प्रदान करना |
- हमारे द्वारा रजिस्टर्ड पाठशालाओं को उनकी गतिविधियों के आधार पर रैंक प्रदान करके पुरस्कृत करना |
विशेष उद्देश्य –
ज्ञान विभोर प्रतियोगिता –
प्रतियोगिता के माध्ययम से बच्चों को अल्प समय में अधिक ज्ञान दिया जा सकता है | या कः सकते हैं की उन्हें अधिक प्रेरित किया जा सकता है | इसी मुख्या उद्देश्य को लेकर ऑनलाइन जैन बाला पाठशाल इंदौर के द्वारा प्रत्येक छः माह में 3 वर्ष से 20 वर्ष तक के बालकों के लिए ज्ञान विभोर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा | जिसके विशेष उद्देश्य निम्न हैं –
- बच्चों को प्रतियोगिता के माध्यम से धर्मरुची पैदा करना |
- बच्चों के साथ अभिभावकों को भी धर्म और धार्मिक भावनाओं में सुदृढ़ करना |
- पाठशाला के विषयों को प्रतियोगिता के माध्ययम से बच्चों को कंठस्थ कराना |
- प्रतियोगिता के द्वारा बच्चों को राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय स्तर प्रदान करना |
- लिखित परिक्षा के साथ मौखिक परीक्षा के द्वारा निर्णय देकर धार्मिक पाठों को याद कराना |
- खोजो, पूंछो,पढो और भरो की सरलतम शिक्षण पद्धति का प्रयोग |
- पाठशाला के पाठ्य विषयों का प्रतियोगिता द्वारा क्रमिक अध्ययन |
विभिन्न प्रतियोगिताएं –
हमारे इस विभाग के अंतर्गत समय -समय पर विशेष अवसरों पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया जाएगा | इस विभाग के हमारे उद्देश्य निम्न लिखित हैं –
- विभिन्न त्योहारों, पर्वों, यात्राओं के लिए प्रतियोगिता बनाकर उत्तर पत्रक के साठ साधर्मी जनॉ को प्रदान करना |
- साधर्मी जनों की मांग के अनुसार उनके स्थान पर स्थानीय प्रतियोगिताएं कराने के लिए नई – नई प्रतियोगिताएं बनाकर देना |
- दश लक्षण महापर्व, अष्टाह्निका महापर्व आदि पर स्थानीय मंडलों, मंचों, समाज जनों को प्रतियोगिताए बनाकर प्रदान करना |
- हमारे द्वारा रजिस्टर्ड सभी पाठशालाओं के सभी केन्द्रों पर बच्चों द्वारा की गई सभी गतिविधिओं को सभी के सामने प्रस्तुत करना |
ऑनलाइन जैन बाल पाठशाला :-
- जब चाहो तब पढो और जब चाहो तब परिक्षा दो की सरलतम पद्धति द्वारा शिक्षण प्रदान करना |
- चारों अनुयोगों से समन्वित नवीन पाठ्यक्रम |
- मौखिक,लिखित और चारित्रिक आधार पर बालक का मूल्यांकन |
- विभिन्न विद्वानों द्वारा समय समय पर ज्ञान प्राप्ति |
- कक्षा में निरंतरता एवं कक्षा की महत्ता बच्चों एवं अभिभावकों में बनी रहे अतः मासिक 200 रूपये का शुल्क |
- ऑनलाइन शिक्षण एवं ऑनलाइन परीक्षण द्वारा शिक्षा प्रदान करना |
- पाठ्यक्रम का दो-दो माह के अनुसार विभाजन |
- प्रत्येक दो माहों के पाठ्य क्रम का शिक्षण कराके परिणाम घोषित करना और पुरस्कृत करना |
- मासिक और वार्षिक मूल्यांकन एवं मसिक और वार्षिक पुरस्कार भी प्रदान करना ||
- ऑनलाइन जैन बाल पाठशाला द्वारा बालकों के लिए होने वाली सभी प्रतियोगिताओं में पात्रता |
- आर्थिक स्थिति से कमजोर जैन पाठशाला के छात्रों को छात्रवृत्ति हेतु अनेकों पते प्रदान करना और सहायता कराना |
बाल साहित्य प्रकाशन :-
- विभिन्न प्रकार का बल साहित्य तियार करना |
- बालकों को कराने योग्य नाटकों का लेखन करना एवं संकलन करना |
- बाल कविताओं को आयु वर्ग के अनुसा प्रकाशित करना |
- बाल पूजन, स्तुतियों, भजनों को प्रकाशित करना |
- पाठशाला में खिलाये जाने योग्य खेलों का प्रकाशन तथा निर्माण करना |
- बालकों को सुनाने योग्य एवं पढाने योग्य कहानियों का संकलन करना |
जैन गिफ्ट्स –
हमारे इस विभाग के अंतर्गत सभी पाठशाला के छात्रों को कैसी – कैसी गिफ्ट्स हम दे सकते हैं उनका विवरण दिया जाएगा जिसे समय समय पर ऑनलाइन जैन बाल पाठशाल द्वारा फोटो और प्राइज के साठ प्रस्तुत किया जाएगा |
भाषा शिक्षण –
हमारे इस विभाग के अंतर्गत जैन पाठशालाओं के सभी छात्रों को संस्कृत, प्राकृत और हिन्दी जैसी भाषाओँ के लौकिक क्षेत्र में सहयोग किया जाएगा |
Recent Comments